जज्बातों के एहसास
जज़्बात तो जज़्बात होते हैं बस उनके सौदे नहीं होते हैं / भले ही उन पर तगड़ी सील लगानी पड़े लेकिन सरेआम उनको नीलाम नहीं करते / जज़्बातों से जो चिलमन उठ गया तो समझो वफ़ा पे ऐतबार न रहा / गर भरोसा है अपने जज़्बातों पर तुमको तो उनके सहारे जिंदगी की खुद ढाल बनो / यही है सिर्फ़ जज़्बातों से वफ़ा-एह-ले वरना दगा तो हमारे एहसास भी दे देते हैं """""@सदफ@"""""