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जिंदगी की उड़ान जारी, फिर से अपने आगरा शहर में

प्यार की निशानी , शाहजहाँ की ताज नगरी में                 / लेखनी की रवानगी,नज़ीर की क़लम की नगरी में                / शायरों की बेतबाज़ी,ग़ालिब की गजलों की नगरी में                / तारीखों की गवाही,अकबर की फतेहपुर सीकरी में               / सुरों की सतरंगी , तानसेन के राग भैरवी की नगरी में               / मंजिलों की बैसाखी सदफ के सपनों की नगरी में               / शोहरत की अठखेली,  तमगों की सुंदर नगरी में               / जिंदगी की उड़ान जारी, फिर से अपने आगरा शहर में               /        @सदफ@

आगरा के नाम

नज़ीर के शहर से मेरा नाता कुछ यूँ रहा है शोहरत का वास्ता भी इसी शहर से रहा है बस इस शहर पर कुछ सितम हम ऐसे ढाते रहे अपना होते हुए भी हम इसे बेगाना समझते रहे और ये शहर मेरी बेवफ़ाई को भी बर्दाश्त करता रहा है इसलिये इल्ज़ाम हटाने को शहर ने फिर से पुकारा है वादा रहा इस बार कि बदले में हम भी तुझे वफ़ा ही देंगे ए आगरा शहर तेरा शुक्रिया मेरा दुबारा से स्वागत के लिये                   """"@सदफ@"""

कानपुर के नाम

कानपुर की वो यादें,आज शिद्द्त से याद आती हैं न जाने वो हसीं शोखियाँ, कम्बख्त कहाँ खो गयी हैं कोई तो लौटा दो, उन हसीं पलों के झरोखों को.....                       सच में...वो यादें बहुत याद आती हैं उन मुस्मुसाती यादों से, मुझे दिल्लगी करनी है एक नज़र ही सही,बस मुझे मुलाक़ात करनी है वो शबनमी एहसास, मेरी रूह को करने तो दो              सच में... वो यादें बहुत याद आती हैं वो बातों की अठखेली का, मंजर याद आता है नश्तर चुभोने का वो प्यार भरा दर्द याद आता है उन खुशनुमा पलों की, परछाई को छूने तो दो              सच में... वो यादें बहुत याद आती हैं वो चालाक कौवी कहना , आज बहुत याद आता है वो मोटो जी का झापड़ मारना,  भी याद आता है अपने दोनों अनमोल रत्नों से एक बार मिलने तो दो                  सच में... वो यादें बहुत याद आती हैं                        @सदफ@