आगरा के नाम

नज़ीर के शहर से मेरा नाता कुछ यूँ रहा है
शोहरत का वास्ता भी इसी शहर से रहा है

बस इस शहर पर कुछ सितम हम ऐसे ढाते रहे
अपना होते हुए भी हम इसे बेगाना समझते रहे

और ये शहर मेरी बेवफ़ाई को भी बर्दाश्त करता रहा है
इसलिये इल्ज़ाम हटाने को शहर ने फिर से पुकारा है

वादा रहा इस बार कि बदले में हम भी तुझे वफ़ा ही देंगे
ए आगरा शहर तेरा शुक्रिया मेरा दुबारा से स्वागत के लिये

                  """"@सदफ@"""

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