लेखनी का मकसद
हुआ जो संजोग आज ब्लॉग बनाने का.... लेकर आया पैगाम कुछ कर गुजरने का... अल्फाजों को बयाँ करने का सोचा जो मैने.. तो मौका मिला जिंदगी का नया पन्ना लिखने का.. कलम को पहचान बनाने का जिम्मा सौंपा जो आपने... उन्ही उम्मीदों पर खरा उतरने का वादा किया खुद से... सौगंध खाती हूँ गर मिला आशीर्वाद आप सब पाठकों से तो जिंदगी जीने का मकसद ही सदफ की लेखनी होगा... @सदफ @
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